Option Hedging strategies: दोस्तों वैसे तो शेयर मार्केट में ऑप्शन ट्रेडिंग में बहुत से लोग ट्रेड करते हैं, लेकिन कमाते सिर्फ वही है जो सही स्ट्रेटजी के साथ हेजिंग करते हैं उन्हें प्रॉफिट तो कम होता है लेकिन होता लगातार है हम इस आर्टिकल में ऑप्शन ट्रेडिंग में हेजिंग लगाने की स्ट्रैटेजी दे रहे हैं जो की सिर्फ बड़े-बड़े ट्रेडर्स ही इस्तेमाल करते हैं।
ऑप्शन ट्रेडिंग में हेजिंग क्या है / what is the hedging in share market
हेजिंग का मतलब क्या है?
हेजिंग का सीधा सा मतलब है ट्रेड का इंश्योरेंस। मान लो हम कोई नई गाड़ी खरीदते हैं तो उसका बीमा जरूर करवाते हैं इसलिए नहीं करवाते की गाड़ी दुर्घटनाग्रस्त हो जाएगी बल्कि इसलिए करवाते हैं कि कहीं बद किस्मती से अगर दुर्घटना हो गई तो इंश्योरेंस कंपनी काफी हद तक हमारे नुकसान की भरपाई करेगी ओर हमें ज्यादा नुकसान नहीं उठाना पड़ेगा।अगर इंश्योरेंस पीरियड में गाड़ी को कुछ ना हो तो इंश्योरेंस की रकम हमें जेब से लगानी पड़ती है।ऑप्शन ट्रेडिंग में यही हेजिंग होती है।
शेयर मार्केट में हेजिंग कैसे करते हैं?
शेयर मार्केट में हेजिंग और रिस्क मैनेजमेंट का एक ही मतलब है कि हमें हमारे लॉस को एक लिमिट में रखना है। बड़े ट्रेडर्स ऑप्शन बाय करें या सेल करें एक साथ दो ट्रेड लेते हैं जिनमें एक ट्रेड लास में जाएगी तो एक ट्रेड प्रोफिट में जाएगी लेकिन जो ट्रेड प्रॉफिट में होगी वह ज्यादा होगा और जो ट्रेड लॉस में होगी वह कम होगा इसलिए टोटल रिटर्न प्रॉफिट ही रहेगा।
ऑप्शन में ट्रेड कब लें ?
ज्यादातर एक्सपर्ट्स का मानना है कि 9:15 से 10:00 बजे के बीच मार्केट का सेटअप होता है तो 10:00 बजे के बाद ही कोई ट्रेड लेनी चाहिए। सही 10:00 बजे अगर मार्केट अप साइड है तो अप ट्रेड के साथ चलें और अगर मार्केट डाउन साइड है तो डाउन ट्रेड के साथ चलें।
ऑप्शन ट्रेडिंग में हेजिंग कैसे करें /option trading my hedging kaise karen
जब मार्केट ऊपर जाने की संभावना हो तो यह स्ट्रेटजी इस्तेमाल कर सकते हैं
- इन द मनी महंगी कॉल बाय करें उसके साथ ही एक नजदीक की सस्ती कॉल सेल कर दें, मार्केट जब ऊपर जाएगी तो बाय की हुई कॉल के प्राइस ज्यादा बढ़ेंगे सेल की हुई कॉल के प्राइस कम बढ़ेंगे तो जितना प्रॉफिट होगा उतना लॉस नहीं होगा । अगर मार्केट एकदम से गिरती है तो हमारा बाय और सेल की हुई काल का जो प्राइस डिफरेंट है सिर्फ उतना ही नुकसान होगा।
- इन द मनी महंगी पुट सेल करें और उसके साथ ही नजदीक की एक सस्ती पुट की ट्रेड बाय करें। अगर मार्केट ऊपर जाता है तो दोनों ट्रेड जीरो होगी जो हमारे दोनों ट्रेड का प्राइस में डिफरेंट है वह हमें प्रॉफिट होगा। लेकिन अगर मार्केट में गिरावट आती है तो हमें एक लिमिटेड लॉस होगा.
- एक्सपायरी से एक हफ्ता पहले निफ्टी में 500 पॉइंट आगे और 500 पॉइंट पीछे बैंक निफ्टी में 1000 पॉइंट आगे 1000 पॉइंट पीछे कॉल और पुट दोनों आउट ऑफ मनी सेल करें। निफ्टी 500 पॉइंट और बैंक निफ्टी 1000 पॉइंट के अंदर ही ट्रेड करती है तो आपको दोनों साइड प्रॉफिट होगा। अगर अपने ₹200-200 के कॉल और पुट सैल किए हैं उन पर 350 तक का स्टॉपलॉस लगा सकते हैं। अगर मार्केट एक साइड जाता है तो आपकी एक ट्रेड जीरो होगी लेकिन दूसरी ट्रेड में लॉस बढ़ता जाएगा इसलिए स्टॉपलॉस लगाना जरूरी है।
- फ्यूचर बाय करें उसके साथ ही एक कॉल सेल कर दें अगर आप ₹200 की कॉल सेल कर रहे हैं तो फ्यूचर पर डेढ़ सौ पॉइंट का स्टॉपलॉस लगाऐ। मार्केट अगर ऊपर जाएगी तो जितना फ्यूचर में प्रॉफिट होगा उतना कॉल ऑप्शन में लॉस नहीं होगा लेकिन अगर मार्केट नीचे गिरती है तो फ्यूचर में हुआ लोस काफी हद तक कॉल ऑप्शन कवर करता जाएगा।
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अगर मार्केट नीचे गिरने की संभावना हो तो इस तरह की स्ट्रैटेजी इस्तेमाल कर सकते हैं.
- आउट ऑफ़ मनी महंगी कॉल सेल करें साथ ही एक उसके नजदीक की सस्ती कॉल बाय कर लें मार्केट गिरेगी तो आपके दोनों ट्रेड जीरो होगी बाई की हुई कॉल में जितना लॉस नहीं होगा जितना सेल की हुई ट्रेड में प्रॉफिट होगा। मार्केट अगर ऊपर जाती है तो आपको एक लिमिटेड लॉस होगा
- इन द मनी महंगी पुट बाय करें और इसके साथ ही नजदीक की एक सस्ती पुट सेल कर दें मार्केट में जितनी गिरावट आएगी प्रॉफिट उतना बढ़ता जाएगा बाय कि हुई पुट में ज्यादा प्रॉफिट होगा सेल की हुई पुट में लॉस कम होगा। किसी कारणवश अगर मार्केट ऊपर जाती है तो एक लिमिटेड लॉस होगा।
- फ्यूचर सेल करें इसके साथ ही एक पुट ऑप्शन सैल कर दें मार्केट गिरेगी तो पुट ऑप्शन में इतना लॉस नहीं होगा जितना फ्यूचर में प्रॉफिट होगा। अगर मार्केट ऊपर जाती है तो फ्यूचर का लॉस पुट ऑप्शन कवर करता जाएगा। फ्यूचर में जितने पॉइंट का आप स्टॉपलॉस लगाते हो उससे थोड़ा महंगा पुट सेल करें।
- स्टॉक में ऑप्शन ट्रेडिंग कैसे करें.
- किसी भी लार्ज कैप स्टॉक के एक्सपायरी से 30 दिन पहले आउट ऑफ मनी कॉल और पुट दोनों सेल कर सकते हैं लार्ज कैप स्टॉक में ज्यादा उतार-चढ़ाव नहीं होते हैं आप 10% के अंतराल में ट्रेड ले सकते हैं जैसे टीसीएस में आप ₹500 आगे और ₹500 पीछे की कॉल ओर पुट दोनों सेल कर सकते हैं। अगर वह स्टॉक इसी रेंज में एक महीने तक रहता है तो दोनों तरफ प्रॉफिट होगा। अगर स्टॉक एक साइड निकलता है तो आपको स्टॉपलॉस पर ध्यान देना होगा।
- किसी भी इंडेक्स में निफ्टी में 500 पॉइंट आगे 500 पॉइंट पीछे बैंक निफ्टी में 1000 पॉइंट आगे 1000 पॉइंट पीछे फिन निफ़्टी, सेंसेक्स इन की रेंज के अनुसार या किसी भी स्टॉक के पिछले महीने की उतार-चढ़ाव के अनुसार आप उनके एक्सपायरी से एक महीना पहले आउट ऑफ मनी कॉल और पुट सेल कर सकते हैं
- आउट ऑफ़ मनी कॉल ओर पुट महंगी कीमत के सेल करें बिल्कुल सेम टाइम उसके नजदीक स्ट्राइक प्राइस के कॉल और पुट सस्ती कीमत के बाय करें टाइम के साथ-साथ चारों ट्रेड की कीमत गिरती जायेगी और अगर स्टॉक या इंडेक्स इसी रेंज के अंदर ट्रेड करता है तो आपकी चारों ट्रेड जीरो होगी और आपको सेल की हुई ट्रेड में प्रॉफिट ज्यादा होगा बाय की हुई ट्रेड में लॉस काम होगा। अगर इंडेक्स या स्टॉक एक साइड निकल गए तो आपको एक लिमिटेड लॉस हो सकता है.
- यह सब स्ट्रेटजी मार्केट एक्सपर्ट के अनुसार ऑप्शन ट्रेडिंग सीखने के लिए सुझाई गई है पहले अच्छी तरह समझे पेपर ट्रेडिंग पर एक्सपेरिमेंट करें उसके बाद अगर आपको ठीक लगे तो खुद अपनी जिम्मेदारी पर ही ट्रेड लें।
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